अदभुत होता है ये स्वप्न जाल
सबके जीवन में मचाता धमाल
हर उगता सूरज लाता है कुछ सपने
और रातों के तो शहंशाह हैं ये सपने
सपनों की अद्भुत दुनिया
निराली है इनकी माया
दिन और रात ये सजाते अपनाअनूठा संसार
नन्हे शिशु से लेकर बूढी आंखों को इनसे प्यार
कभी अतृप्त सपने दे देते रीतापन
नन्हे शिशु से लेकर बूढी आंखों को इनसे प्यार
सपने पूरे करने को लालायित हो जाता मन
ये पथ बदल देते हैं और कर देते हैं बेचैन
कभी तो खुशियों से भर जाता है मनकभी अतृप्त सपने दे देते रीतापन
क्या किसी के स्वप्न कभी पूरे हुएहैंएक पूर्ण हो तो चार और उग आते हैं
कुकुरमुत्ते से उगते हैं ये सपने
सबको आगोश में लेते अपने
अदभुत है ये स्वप्नजाल
जीवन में मचाता धमाल
क्यों पूरे नहीं होते सपने
पर क्यों सच हों ये सपने
अदभुत है ये स्वप्नजाल
जीवन में मचाता धमाल
क्यों पूरे नहीं होते सपने
पर क्यों सच हों ये सपने
सारे विश्व में अस्तित्व की ही तो लड़ाई है
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