चुनावी परिणामों ने एक स्थायी और स्वच्छ सरकार की आशा जगाई है और कुछ विकास की बातें भी हो रही हैं ।आज हमारे देश में पानी ,बिजली और सड़क जैसी लोगों की मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं हो पा रही हैं । कुछ सुविधाएँ जो अन्य देशों में लोगों को सहज ही प्राप्त हैं उसके लिए हमारे यहाँ आम आदमी आज भी तरस रहा है ,ऐसा तो नहीं है की विदेशों में सब कुछ बहुत सरल सहज है पर जीवन का सामन्य स्तर तो शायद हमारे यहाँ से अधिकांश जगह बेहतर हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी भारतीय जीने की दिशा ढूँढ लेता है , प्रगति करता है और संसार के साथ compete भी कर रहा है। स्थितियां कुछ बेहतर हो जाएँ तो देश को नई उचइयां छूने से कोई रोक नहीं सकता ।
पुरानीऔर नई सरकार में यह अंतर है कि आजupa सरकार के सामने अवांछित लोगोंको साथ लेकर चलने की मजबूरी नहीं है नए मंत्रिमंडल में कई नए और युवा लोग हैं पर कांग्रेस का वंशवाद के प्रति प्रेम साफ़ झलकता है और पुराने नेताओं के बेटे बेटी पत्नी ससुर दामाद सभी दिखाई दे रहेहैं ।
इस प्रकार के जनादेश से एक स्थायी सरकार तो मिलेगी पर सरकार को तानाशाही प्रवृत्तियों की ओर उन्मुख होने और मनमानी करने से रोकने के लिए एक दृढ़ विपक्ष की आवश्यकता भी होती है जो अब बीजेपी ही पूरा कर सकती है क्योंकि अवसर वादी पार्टियां तो बिन मांगे ही समर्थन पत्र दे चुकी हैं. संविधान में कुछ संस्थाओं को स्वतंत्र रूप से कार्य करने का प्रावधान है उन्हें निष्पक्ष रूप से कार्य करना होगा । आज सीबीआई जैसी संस्थाओं पर अनेक बार प्रश्न उठे हैं जो ग़लत भी नहीं हैं। आज न्याय पालिका का भी महत्व पूर्ण रोल है और न्याय प्रक्रिया में तो बहुत दिनों से सुधार की आवश्यकता है .
आशा है कि जय विजय के इस दौर में मनमोहन सिंह सरकार जनता के प्रति न्याय करते हुए देश के हित में भी कार्य करेगी और जनता ने जो विश्वास व्यक्त किया हुआ उसका मान रखेगी.
आशा है कि जय विजय के इस दौर में मनमोहन सिंह सरकार जनता के प्रति न्याय करते हुए देश के हित में भी कार्य करेगी और जनता ने जो विश्वास व्यक्त किया हुआ उसका मान रखेगी.